Gaam, aavishya, ch, bhootaani, dhaaryaami, aham, ojsa,
Pushnaami, ch, oshdhiH, sarvaaH, somH, bhootva, rasaatmakH ||13||
Translation: (Ch) and (aham) I only (gaam) the Earth (aavishya) entering (ojsa) by power (bhootaani) the living beings under me (dhaaryaami) sustain (ch) and (rasaatmakH) sapful i.e. nectar-filled (somH) moon (bhootva) becoming (sarva) all (oshdhiH) medicinal herbs i.e. vegetation (pushnaami) nourish. (13)
And I only, entering the Earth sustain the living beings under me by power, and becoming the sapful i.e. nectar-filled moon, nourish all the medicinal herbs i.e. vegetation.
गाम्, आविश्य, च, भूतानि, धारयामि, अहम्, ओजसा,
पुष्णामि, च, ओषधीः, सर्वाः, सोमः, भूत्वा, रसात्मकः।।13।।
अनुवाद: (च) और (अहम्) मैं ही (गाम्) पृथ्वीमें (आविश्य) प्रवेश करके (ओजसा) शक्तिसे (भूतानि) मेरे अन्तर्गत प्राणियों को (धारयामि) धारण करता हूँ (च) और (रसात्मकः) रसस्वरूप अर्थात् अमृतमय (सोमः) चन्द्रमा (भूत्वा) होकर (सर्वाः) सम्पूर्ण (ओषधीः) ओषधियोंको अर्थात् वनस्पतियोंको (पुष्णामि) पुष्ट करताहूँ। (13)