Abhisandhaay, tu, falam’, dambhaarthm’, api, ch, ev, yat’,
Ijyate, bharatshreshth, tam’, yagyam’, viddhi, raajsam’ ||12||
Translation: (Tu) But (bharatshreshth) Oh Arjun! (dambhaarthm’, ev) only for the sake of pretention (ch) and (falam’) reward (api) also (abhisandhaay) keeping in view (yat’) a yagya, which (ijyate) is performed (tam’) which takes one into dark hell (yagyam’) yagya i.e. religious rite (rajsam’) Rajas (viddhi) know. (12)
But oh Arjun! A yagya which is performed only for the sake of pretention and also keeping in view the reward, know that yagya i.e. religious rite, which takes one to dark hell, as Rajas.
अभिसन्धाय, तु, फलम्, दम्भार्थम्, अपि, च, एव, यत्,
इज्यते, भरतश्रेष्ठ, तम्, यज्ञम्, विद्धि, राजसम्।।12।।
अनुवाद: (तु) परंतु (भरतश्रेष्ठ) हे अर्जुन! (दम्भार्थम्, एव) केवल दम्भाचरण के ही लिये (च) अथवा (फलम्) फलको (अपि) भी (अभिसन्धाय) दृृष्टिमें रखकर (यत्) जो यज्ञ (इज्यते) किया जाता है (तम्) अंधेरे वाले नरक में ले जाने वाली (यज्ञम्) यज्ञ अर्थात् धार्मिक अनुष्ठान को (राजसम्) राजस (विद्धि) जान। (12)
केवल हिन्दी अनुवाद: परंतु हे अर्जुन! केवल दम्भाचरण के ही लिये अथवा फलको भी दृष्टिमें रखकर जो यज्ञ किया जाता है अंधेरे वाले नरक में ले जाने वाली यज्ञ अर्थात् धार्मिक अनुष्ठान को राजस जान। (12)