ManH, prsaadH, saumyatvam’, maunm’, aatmvinigrhH,
BhaavsanshuddhiH, iti, etat’, tapH, maansam’, uchyate ||16||
Translation: (ManH prsaadH) happiness of mind (saumyatvam’) calmness (maunm’) apart from discussion about God, silence in worldly talks (aatmvinigrhH) restraint of every thought and (bhaavsanshuddhiH) purity in feelings (iti) thus (etat’) this (maansam’) related to mind (tapH) austerity (uchyate) is said to be. (16)
Happiness of mind, calmness, apart from discussion about God, silence in worldly talks, restraint of every thought and purity in feelings; thus, this is said to be austerity related to mind.
मनः प्रसादः, सौम्यत्वम्, मौनम्, आत्मविनिग्रहः,
भावसंशुद्धिः, इति, एतत्, तपः, मानसम्, उच्यते।।16।।
अनुवाद: (मनःप्रसादः) मनकी प्रसन्नता (सौम्यत्वम्) शान्तभाव (मौनम्) भगवान की चर्चा के ईलावा अन्य सांसारिक बातों में चुपी (आत्मविनिग्रहः) प्रत्येक विचार का निग्रह और (भावसंशुद्धिः) भावोंकी भलीभाँति पवित्राता (इति) इस प्रकार (एतत्) यह (मानसम्) मन सम्बन्धी (तपः) तप (उच्यते) कहा जाता है। (16)
केवल हिन्दी अनुवाद: मनकी प्रसन्नता शान्तभाव भगवान की चर्चा के ईलावा अन्य सांसारिक बातों में चुपी प्रत्येक विचार का निग्रह और भावोंकी भलीभाँति पवित्राता इस प्रकार यह मन सम्बन्धी तप कहा जाता है। (16)