Chapter 7 Verse 14

Chapter 7 Verse 14

Daivi, hi, esha, gunmayi, mm, Maya, duratyya, mam’,
Ev, ye, prpadhyante, mayam’, etaam’, taranti, te ||14||

Translation: (Hi) because (esha) this (daivi) supernatural i.e. very extraordinary (gunmayi) Rajgun-Brahma, Satgun-Vishnu and Tamgun-Shiv-like Trigunmayi (mm) mine (Maya) Maya (duratyya) is very dangerous/difficult to overcome but (ye) those who (mam’) me (ev) only, always (prpadhyante) worship (te) they (etaam’) this (mayam’) Rajgun-Brahma, Satgun-Vishnu and Tamgun-Shiv-like Maya (taranti) violate/cross over i.e. rising above the three gunas – Rajgun-Brahma Ji, Satgun-Vishnu Ji, and Tamgun-Shiv Ji, get engaged in the worship of Kaal-Brahm. (14)

Translation

Because this supernatural i.e. very extraordinary Trigunmayi Maya of mine is very dangerous/difficult to overcome, but those who always only worship me, they violate/cross over this Maya i.e. rising above the three gunas – Rajgun-Brahma Ji, Satgun-Vishnu Ji, and Tamgun-Shiv Ji, get engaged in the worship of Kaal-Brahm.


दैवी, हि, एषा, गुणमयी, मम, माया, दुरत्यया, माम्,
एव, ये, प्रपद्यन्ते, मायाम्, एताम्,तरन्ति,ते।।14।।

अनुवाद: (हि) क्योंकि (एषा) यह (दैवी) अलौकिक अर्थात् अति अद्ध्भूत (गुणमयी) रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव रूपी त्रिगुणमयी (मम) मेरी (माया) माया (दुरत्यया) बड़ी दुस्तर है परंतु (ये) जो पुरुष केवल (माम्) मुझको (एव) ही निरंन्तर (प्रपद्यन्ते) भजते हैं (ते) वे (एताम्) इस (मायाम्) रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण रूपी मायाका (तरन्ति) उल्लंघन कर जाते हैं अर्थात् तीनों गुणों रजगुण ब्रह्माजी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिवजी से ऊपर उठ कर काल ब्रह्म की साधना में लग जाते हैं। (14)

केवल हिन्दी अनुवाद: क्योंकि यह अलौकिक अर्थात् अति अद्ध्भूत त्रिगुणमयी मेरी माया बड़ी दुस्तर है परंतु जो पुरुष केवल मुझको ही निरंन्तर भजते हैं वे इस मायाका उल्लंघन कर जाते हैं अर्थात् तीनों गुणों रजगुण ब्रह्माजी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिवजी से ऊपर उठ जाते हैं। (14)