Mm, yoniH, mahat’, Brahm, tasmin’, garbham’, dadhaami, aham’,
SambhavH, sarvbhootaanaam’, tatH, bhavti, bharat ||3||
Translation: (Bharat) Oh Arjun! (mm) my (mahat’) Primeval Prakriti i.e. Durga, of all the living beings (yoniH) is the womb, and (aham’ Brahm) I, Brahm-Kaal (tasmin’) in that womb (garbham’) seed (dadhaami) place/impregnate (tatH) by that union (sarvbhootaanaam’) all the living beings (sambhavH) birth (bhavti) takes place. (3)
Oh Arjun! My Primeval Prakriti i.e. Durga is the womb of all the living beings and I, Brahm-Kaal, place the seed in that womb. By that union all the living beings are born.
मम, योनिः, महत्, ब्रह्म, तस्मिन्, गर्भम्, दधामि, अहम्,
सम्भवः, सर्वभूतानाम्, ततः, भवति, भारत।।3।।
अनुवाद: (भारत) हे अर्जुन! (मम) मेरी (महत्) मूल प्रकृति अर्थात् दुर्गा तो सम्पूर्ण प्राणियोंकी (योनिः) योनि है अर्थात् गर्भाधानका स्थान है और (अहम् ब्रह्म) मैं ब्रह्म-काल (तस्मिन्) उस योनिमें (गर्भम्) गर्भको (दधामि) स्थापन करता हूँ (ततः) उस संयोगसे (सर्वभूतानाम्) सब प्राणियों की (सम्भवः) उत्पत्ति (भवति) होती है। (3)